Tuesday, February 5, 2019

कैसे पुरानी अतीत की दर्दभरी यादो से राहत पाए

हेलो दोस्तों
आज एक बहुत ही सीरियस सब्जेक्ट पर बात करने वाला हु ये एक रिक्वेस्ट्स सब्जेक्ट है , हमारे एक दर्शक ने मुझे पिछले वीडियो में इस सब्जेक्ट पर वीडियो बनाने के लिए रिक्वेस्ट की थी,
और ये एक दो नहीं पूरी दुनिया के लोगो के लिए महत्वपूर्ण विषय है , हर कोई इस तकलीफ से कई बार गुजरता है लगभग दुनिया का हर व्यक्ति किसी घटना , व्यक्ति या समय को लेकर दुखी है ,

इस तरह सब के जीवन में छोटे बड़े दुःख आते जाते रहते है और  अपना प्रभाव या इम्प्रैशन हमारे सबकॉन्सियस दिमाग मेमोरी में स्थायी रूप से छोड़ जाते है यही से सारी समस्या शुरू होती है,
अब ये बाद मेमोरी बार बार आकर हमारे उस दुःख की अनुभूति को ताज़ा करती रहती है और दुखी करती रहती है

अब लोग कहते है की उन यादो को भुला देना चाहिए मगर यादो को भुलाने की कोशिश करने में हम फिर से वही सब याद करने लगते है सब रिकॉल करने लगते है ,क्योकि आपका फोकस फिर से उन्ही बाद मेमोरीज या दुखो पर जाता है , यादे अच्छी हो या बुरी उनमे झूलना हमारे लिए ठीक नहीं क्योकि बुरी यादे तो दुखी करती है अच्छी यादे भी कई बार परेशां करती है क्योकि हम फिर से उस क्षण में जीना चाहते है जाना चाहते है जो समभाव नहीं तो उससे भी परेशां होते है इसलिए यादो में झूलते रहने से सिवाय दुखी होने के कुछ मिलता नहीं , बस यादे और पक्की होती जाती है ,
.दुःख भरी यादे या बाद मेमोरीज उतनी ही गहरी होती है जितनी हमारे दुःख की तीव्रता या इंटेंसिटी होती है दुःख की इंटेंसिटी इस बात पे निर्भर करती है की जो दुःख का कारन है वो कितना महत्वपूर्ण है
 दुःख का कारन जो भी हो कोई घटना कोई चीज या कोई व्यक्ति या जो कुछ भी खोया है, जैसे किसी बच्चे को खिलौना खोने का दुःख भी उतना ही बड़ा दुःख होसकता है जितना एक बड़े व्यक्ति को अपने किसी परिजन को खोने का दुःख , तो दुःख का कारन  जितना महत्पूर्ण होगा उतनी ही दुःख की तीव्रता होगी और उतनी ही गहरी उसकी यादे हमारे अवचेतन मन में बनेगी,

कहते है समय हर घाव भर देता है लेकिन कभी ये समय भी बहुत समय ले लेता है इस तरह हमारे जीवन का काफी साम्य उन यादो में झूलते रहने से खर्च हो जाता हैए और व्यक्ति दुखी बना रहता है, ऐसी तरह दुखी बने रहने के कारन उसकी कार्यक्षमता भी काम हो जाती है और वो अपने नार्मल काम भी ठीक से नहीं कर पाता ,

अब दुःख के कुछ कारन ऐसे है जिनको सलूशन ढूंढा जा सकता है जैसे संपत्ति का नुक्सान , कॅरियर या नौकरी जाने का, या पैसो का नुकसान , पर कुछ दुःख ऐसे होते है जिनकी भरपाई कभी नहीं हो सकती जैसे किसी परिजन की मृत्यु या या एक्सीडेंट में कोई पर्मानेंट नुक्सान हो जाना , ,
कभी कभी तो दुःख का कारन इतना बड़ा होता है की कई बार लोग डिप्रेशन में चले जाते है तो कोई नशे क सहारा लेता है  तो कभी कभार सुसाइड की भी नौबत आ जाती है
तो अब सबसे बड़ा सवाल यह है की यादे , जो व्यक्ति को बार बार दुखी करती है उससे कैसे रहत पायी जाये

तो क्योकि ये मामला हमें humen psychology का है तो हमें इस पर बहुत ध्यान देने की जरुरत है

 आपको अगर कोई दुःख भरी यादे परेशां करती है तो हम यहाँ कुछ सोलूशन्स डिसकस करेंगे आशा है की इनमे से कोई ना कोई सलूशन आपके लिए मददगार होगा, अपने दुःख भरी यादो से रहत पाने में , खासकर इनमे से आखरी सोल्युशन , शुरू में कुछ हलके सलूशन से शुरू करते हुए आखिरी में बड़े सलूशन को डिसकस करेंगे,


१. तो पहला सलूशन ये है की अआप अपने आप को बहुत व्यस्त कर ले बिना मतलब के खली बैठने के बजाय कोई ना कोई काम करे , अगर कोई काम ना हो तो आगे आने वाले कामो ली लिस्ट बनाये और उनको पूरा करने की प्लानिंग करे, हमारे आसपास बहुत सारे छोटे बड़े काम पेंडिंग पड़े होते है जिन भर हमारा ध्यान नहीं जाता ये काम आपको बिजी करने के लिए काफी है, जितने आप व्यस्त रहेंगे  mind  को ओल्ड मेमोरीज रिकॉल करने का टाइम उतना ही काम मिलेगा , तो जिस तरह पानी के बगैर पौधे धीरे धीरे सुख जाते है उसी तरह यादो को समय ना मिलने के कारण वो धीरे धीरे मन से गायब होने लगेंगी,इस तरीके से आपको दुगुना फायदा होगा एक तो आप यादो से बचेंगे दूसरे आपके पेंडिंग काम भी पुरे होंगे और आपकी कार्यक्षमता बढ़ेगी,

२. दूसरा सलूशन ये हैं की आप आपने किसी पुराने शौक को आगे बढ़ाये , जो जीवन की आपाधापी में पीछे छूट गया हो , चाहे वो म्यूजिक हो पेंटिंग हो गार्डनिंग हो या कुकिंग हो कोई भी शौक हो उसे फिर से जगाये, इस तरह आप क्रिएटिव बने रहेंगे कुछ भी नया बनाने से या क्रिएटिव करने से हमारा मन खुश होता है और कोई ना कोई क्रिएटिव काम करने में आप अपने को झोक देंगे तो इससे आपकी इंपॉसिटीवे एनर्जी बढ़ेगी तो आप नागतिवे यादो से बचे रहेंगे,

३. अगर इनसे भी आपका काम ना बनता हो तो तीसरा सलूशन ये है की जो भी घटना या जगह या चीज या व्यक्ति के सामने आने से आपकी दुःख भरी याद ताज़ा हो जाती है उन्हें अपने से दूर कर दे या खुद उनसे अपनी दूरी बना ले , ये सलूशन थोड़ा मुश्किल हो सकता है पर एकदम कारगर है,
सबकॉन्सियस mind  या अवचेतन मन में हमारी यादे दबी हुई रहती है और वो हमारे मस्तिष्क के पटल या कौन्सियस माइंड पे तब आती है जब हाँ उनसे रिलेटेड किसी चीज़ या व्यक्ति या घटना के संपर्क में आते है या उस जगह जाते है जहा से इसका सम्बन्ध हो, यानि यादो को जगानेके लिए कोई कैटलिस्ट या उत्प्रेरक की जरुरत होती है , जिनको देखने से पुराणी यादे ताज़ा हो जाती है , ये यादे किसी खास जगह पे जाने या किसी खास व्यक्ति के पास आने पे ज्यादा पावरफुल हो जाती है,आपको आपने आप पता लग जायेगा के किस्से और कैसे आपकी यादे ताज़ा हो जाती है तो उन सब से अपनी दुरी बनाएंगे तो उनसे जुडी यादो से भी बच जायेंगे ,

४. अब और भी कारगर और मुश्किल सलूशन यहाँ है की प्रेजेंट में रहने की आदत दाल ले, आप सोचेंगे ये मुश्किल क्यों है हम तो हमेशा प्रेजेंट में रहते है लेकिन ये सच है की हम प्रेजेंट में तो रहते है पर सिर्फ फिजिकली प्रेजेंट में रहते है मेंटली हम हमेशा अपने पास्ट या फ्यूचर में रहते है वर्तमान में  बने रहना मुश्किल होता है हलाकि इससे साडी यादो वाली मुश्किलें दूर हो जाएँगी, वर्तमान में रहे के लिए आपको प्रैक्टिस करनी होगी छोट छोटी प्रैक्टिस है जिनकी मदद से वर्तमान में अपने अटेंशन को लाया जा सकता है और अपनी जागरूकता को भी बढ़ाया जा सकता है , ये प्रैक्टिस है जैसे अगर अआप चल रहे हो तो अपना ध्यान अपने कदमो की और ले जाओ की कहा आपका कदम पड़ने वाला है , या सिडिया चढ़ रहे हो तो उन्हें गिनते जाये इससे आपका ध्यान एक्साक्ट्ली वर्तमान में रहेगा, अगर आप बैठे है तो अपनी सांसो पे धयान दीजिये , देखिये साँसे किसी चल रही है जब आप घबराये हुए रहते है तो ये तेज़ चलती है जब खुश या रिलैक्स रहते है तो ये धीमे चलती है इससे आप अपने मन की श्थिति भी जान सकते है और ये प्रैक्टिसेज आपको वर्तमान में ला के खड़ा कर देगी, रेगुलर प्रैक्टिस से आप वर्तमान में रहना सिख जाते है फिर यादे कुछ परेशान नहीं करती.

५. अब और भी गंभीर उपाय यह है की आपको अपनी एक्सेप्टेन्स या अपनी स्वीकार्यता  बड़ानी है,
 अगर आपने ऐसा कुछ खोया है जिसे फिर से  पाया जा सकता है तो उसके लिए दुखी होने की जरुरत नहीं , मेहनत करने की जरुरत है बस और फिर से पा सकते है , पर अगर कुछ ऐसा खोया है जिसे फिर पाना असंभव हो उसके लिए हमें अपनी स्वीकार्यता बढ़ानी होगी की उस वास्तु या व्यक्ति के साथ हमारा साथ इस दुनिया में बस इतना ही था ,
गौतम बुद्ध ने दुनिया के चार आर्य सत्य बताये थे जिनमे से पहले दो  आर्यसत्य का जिक्र यहाँ करना चाहूंगा पहला सत्य है दुखः ,जी हाँ    यही है दुनिया का सबसे बड़ा सत्य की यहाँ हर व्यक्ति यहाँ तक की हर प्राणी दुःख से अछूता नहीं है, इसका मतलब  काला गोरा, अमीर गरीब किसी भी देश का हो भाषा का हो या संप्रदाय का हो सब थोड़े बहुत तो दुखी है
और दूसरा आर्य सत्य यह है की दुःख का कारन हमारी इच्छाये होती है , हम चाहते है की हमारे आसपास जो कुछ भी हो हमारे अनुसार हो और ऐसा कुछ भी अनचाहा नहीं हो जो हमें पसंद नहीं
लेकिन हम सब जानते है की ऐसा संभव नहीं है और यही से दुःख पैदा होता है, इसलिए हम को बुद्ध के ें आर्यसत्यों को स्वीकार करना ही होगा ,   की दुःख इस संसार का महँ सत्य है इससे कोई बच नहीं सकता , इस बात को आप अपने अंतर्मन में जितने गहराई से स्वीकार कर लेंगे आपको पुरानी यादे उतनी ही दुर चली जाएँगी , दुनिया के हर प्राणी यह सोचता है की उसका दुःख संसार में सबसे बड़ा है उससे दुखी कोई और नहीं है जबकि सत्य यह है की उससे भी बड़े बड़े और अकल्पनीय दुखी लोग उसके आसपास ही मौजूद है , इस सच्चाई को स्वीकार कर ही लेना चाहिए अगर दुखभरी यादो से छुटकारा पाना है तो.

६. अगला उपाय यह है की आप नए दोस्त बनाइये , जो आपके पास्ट के बारे में ना जानते हो, इसके लिए आप कोई योग क्लास , कोई क्लब , ध्यान ग्रुप, या जिम वगैरह ज्वाइन कर सकते है , वह आपको अननोन दोस्त मिल जायेंगे उनसे दोस्ती जरूर कीजिये पर अपनी यादे शेयर मत कीजिये, ना अपने दुखो के बारे में बात कीजिये, नहीं तो होगा क्या की वो भी आपसे वही बाते करने लगेंगे और आपके पास्ट के बारे में और अधिक जानना चाहेंगे , जिनको सुन कर आपको अपनी पुरानी यादे फिर ताज़ा होने लगेगी और जिनसे आप   बचना चाहते थे
७ अगर फिर भी आपको ये सब सलूशन कारगर नहीं लगे और आपको यादे परेशान कर रही है  तो अंत में एक बड़ा और गंभीर उपाय यह है की  आप अपने ही जैसा दुखी और आपसे ज्यादा दुखी व्यक्ति की तलाश कीजिये , मेरा विश्वास है की आपको बहुत जल्दी ही और आसपास ही ऐसा व्यक्ति मिल जायेगा जिसका दुःख आपसे बड़ा है ,  लोहा लोहे को काटता  है उसी प्रकार किसी का दुःख जो आपसे ज्यादा तीव्र है वो आपके दुःख को काट देगा , आपको करना क्या है ऐसा व्यक्ति ढूंढ कर आपको उस्सकी मदद करनी है किसी भी प्रकार से उसका दुःख काम करने की , ये एक अच्छी चैरिटी भी हो जाएगी आपके द्वारा और आपके अपने दुःख तो पता नहीं कब भूल जाओगे आप, जब आप पाएंगे की आपसे बड़े बड़े दुखी लोग इस सनसार में है तो आपको अपनी दुःख भरी यादो से अपने  आप छुटकारा मिल जायेगा। 

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